कोकोपीट खाद किस प्रकार तैयार किया जाता है, इससे क्या-क्या फायदे होंगे
आज हम आपको कोकोपीट खाद के बारे में जानकारी देने वाले हैं। यह बेहद ही मुख्य तरह से निर्मित की जाने वाली खाद होती है। इसकी वजह से हमारे पौधों में कभी भी जल की कमी नहीं होती है।
यह नारियल के रेशों से निर्मित एक खाद है, जिसमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व शम्मिलित होते हैं। दरअसल, इस खाद के बारे में बेहद ही कम लोग जानते हैं। यह खाद बाकी खाद की तरह नहीं उससे कुछ खास होती है।
इसे बनाने के लिए आपको कुछ सामग्रियों की आवश्यकता होगी। तो चलिए जानते हैं, कि यह खाद कौन सी है और इसका क्या नाम है साथ ही इसका उपयोग किस प्रकार किया जाता है।
कोकोपीट खाद क्या होती है
आज तक हमने जिन खादों के विषय में सुना होगा यह उनसे कुछ अलग है। वैसे इस खाद का इस्तेमाल हम बड़े इलाकों की जगह घर के बगीचों में अथवा क्यारियों में ज्यादा करते हैं।यह बेहद ही विशेष तरह से निर्मित की जाने वाली खाद होती है, जिसके चलते हमारे पौधों में कभी भी जल की कमी नहीं होती है। यह नारियल के रेशों से निर्मित एक खाद है, जिसमें विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व विघमान होते हैं।
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कोकोपीट खाद किस प्रकार से निर्मित की जाती है
इस खाद को ऐसे इलाकों पर तैयार किया जाता है, जहां नारियल भरपूर मात्रा में पैदा होता है। साथ ही, इसको निर्मित करने के लिए बेहद अधिक समय लग जाता है। इसको तैयार करने में सर्व प्रथम हम सूखे नारियल को पानी में छोड़ देते हैं।कुछ समय पश्चात हम एक मशीन के जरिए कोकोपीट की कटाई करते हैं। साथ ही, इसे भुरभुरा बना कर सुखा लेते हैं। सुखाते वक्त ही इनको बाजार में बेचने के लिए एक आकार दे दिया जाता है, जिससे आप इन्हें ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन जरिए बाजार से खरीद सकते हैं।
यह खाद किस तरह से लाभकारी है
आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि इस खाद को नारियल के रेशों से निर्मित किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप यह रेशेनुमा खाद होती है। जो आपके गमले अथवा बगीचे की मृदा में मिल जाने के उपरांत उस मिट्टी में पानी के अधिक बहाव को रोकती है।साथ ही, मिट्टी में नमी को बरकरार रखने में मददगार होती है। सिर्फ इतना ही नहीं जब यह खाद आपके गमले की मृदा में मिल जाती है, तो आप जो भी पोषक तत्व अथवा उपयुक्त खाद का उपयोग करते हैं, वह पौधों तक बड़ी सुगमता से पहुंच जाती है।
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बैक्टीरिया व फंगस और जड़ों के विकास में फायदेमंद
यह खाद जड़ों के विकास में भी काफी सहायक होती है। इसकी वजह यह है कि यह खाद बेहद ही मुलायम एवं रेशेदार होती है, जो मृदा में मिल जाने के उपरांत उसे भी मुलायम एवं भुरभुरा बना देती है।यही वजह है, कि छोटे पौधों की जड़ों को सुगमता से फैलाने में यह मददगार हो जाती है। बैक्टीरिया और फंगस में भी है लाभकारी। हमारे बगीचे के बहुत सारे पौधों के अंदर बैक्टीरिया और फंगस लग जाने के कारण वह कुछ ही समय में खत्म हो जाते हैं।
साथ ही, उनकी वृद्धि में भी अवरोध पैदा हो जाता है। इस खाद में बैक्टीरिया एवं फंगस से लड़ने के भी गुण मौजूद हैं, जिसकी वजह से छोटे पौधे बेहद ही सहजता से विकास कर पाते हैं। साथ ही, आपको अलग से इसकी दवा के लिए कोई अतिरिक्त खर्च भी नहीं करना होता।